Hi I am dr. komal, an Ayurvedic doctor from India. Doing research on Cancer solutions with ayurvedic medicine. Cancer can stuck anybody at any age. Sudden loss of someone diagnosed with cancer at last stage is quite horrible. Lets fight against it as a team. Everybody in life has a purpose.
2 days in our life are most important, one is when you are born and 2nd is the day you find an answer why you are born..
I think I have also got my purpose of life ,that is to search for natural cancer solutions through my pathy(Ayurveda).
May God give me a chance to save somebody's precious life ,may be that somebody is someone's mom or dad....brother, sister....child...
So today's blog is on an ayurvedic medicine that is "TRIKATU". Friends when a person is going through cancer treatments he suffers a lot. Chemotherapy is compulsory but what about the side effects?
Our body goes through certain drastic changes like appetite is decreased, constipation, liver enzymes get out of balance and most common is immunity get compromised. While getting out of this cancer crab many other health related problems get fixed in our body and we spend our remaining life dealing with it.
How's that if we get 1 ayurvedic formula for dealing with all these associated problems !!
Yes there is one medicine in Ayurveda which is very easy to prepare and take. Yes we are talking about TRIKATU which means combination of 3 herbs - pippali, Sonth (ginger) kali marich (black pepper).
These 3 herbs are easily available in your kitchen and easy to prepare -
Take equal quantity of all 3 herbs , make powder and mix it well.
Keep it in a glass jar.
Daily take 2g of this powder with Luke warm water two times a day.
Action
Trikatu act on Tridosha.
1.Most of the ailments in our body arises due to poor digestion of food and low pachak agni(digestive fire). It causes accumulation of "Ama." Here Ama refers to toxins in the body which leads to many health issues like rheumatoid arthritis, irritable bowl syndrome in fact as per Ayurveda auto immune disorders like SLE , ankylosing spondylitis etc are achieved by these accumulated toxins .Here trikatu works by increases pachak pitta, thus enhancing the digestive fire and helps in food digestion.
No constipation.
2. Trikatu balances vata dosha. There are many factors which vatiates the vata dosha causing pain in the body as pain is one of the main symptoms of aggravated vata dosha,Trikatu balances it and reduce pains .
3. Tikshan, ushan, Rukshan guna (quality) are present in trikatu, thus it helps reducing aggravated kapha dosha .Ayurveda says swelling anywhere in the body is caused by aggravated Kapha dosha,
Taking trikatu reduces swelling in the body.
It also take care of the aggravated kapha in the lungs. So can be given to people with respiratory problems.
*Asthma
Constipation is one of the primary cause for Asthma in Ayurved. Taking trikatu helps to treat constipation and also as we said it works on kapha dosha so it's good for Asthamatic parents.
4. LIVER - LIVER is the hub of enzymes that works in digestion. It's the largest internal organ of the body, seat for the production of many biohemicals that help in metabolism and digestion. It helps in detoxification. Trikatu helps balancing these enzymes thus maintaining liver health.
Friends basically trikatu is advised to take Along with your chemo treatment just to avoid complications and side effects that you can acquire post chemo treatment.
Make your kitchen to be your first pharmacy, prepare this formula at home. To Know more about it ,listen to my 🆕️Episode on podcast @spotifyindia
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नमस्ते मैं डॉ. भारत के एक आयुर्वेदिक चिकित्सक कोमल। आयुर्वेदिक चिकित्सा के साथ कैंसर के समाधान पर शोध करना। कैंसर किसी भी उम्र में किसी को भी अटका सकता है। अंतिम चरण में कैंसर से पीड़ित किसी व्यक्ति की अचानक मृत्यु काफी भयानक होती है। आइए एक टीम के रूप में इसके खिलाफ लड़ें। जीवन में हर किसी का एक उद्देश्य होता है।
हमारे जीवन में 2 दिन सबसे महत्वपूर्ण होते हैं, एक वह है जब आप पैदा होते हैं और दूसरा वह दिन होता है जब आपको उत्तर मिलता है कि आप क्यों पैदा हुए हैं ..
मुझे लगता है कि मुझे अपने जीवन का उद्देश्य भी मिल गया है, वह है मेरी पैथी (आयुर्वेद) के माध्यम से प्राकृतिक कैंसर के समाधान की खोज करना।
भगवान मुझे किसी की अनमोल जिंदगी बचाने का मौका दे, हो सकता है कि कोई किसी के माँ या पिता हो....भाई बहन....बच्चे...
तो आज का ब्लॉग एक आयुर्वेदिक दवाई पर है जो है "TRIKATU"। दोस्तों जब कोई व्यक्ति कैंसर के इलाज से गुजर रहा होता है तो उसे बहुत कष्ट होता है। कीमोथेरेपी अनिवार्य है लेकिन दुष्प्रभाव के बारे में क्या?
हमारा शरीर कुछ कठोर परिवर्तनों से गुजरता है जैसे भूख कम हो जाती है, कब्ज, लीवर एंजाइम संतुलन से बाहर हो जाते हैं और सबसे आम है प्रतिरक्षा से समझौता। इस कैंसर केकड़े से बाहर निकलने के दौरान हमारे शरीर में कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं ठीक हो जाती हैं और हम अपना शेष जीवन इससे निपटने में व्यतीत करते हैं।
कैसे है अगर हम इन सभी संबंधित समस्याओं से निपटने के लिए 1 आयुर्वेदिक सूत्र प्राप्त करें !!
जी हां आयुर्वेद में एक ऐसी दवा है जिसे बनाना और लेना बहुत ही आसान है। जी हाँ हम बात कर रहे हैं TRIKATU की जिसका अर्थ है 3 जड़ी बूटियों का संयोजन - पिप्पली, सोंठ (अदरक) काली मारीच (काली मिर्च)।
ये 3 जड़ी बूटियां आपके किचन में आसानी से उपलब्ध हैं और बनाने में भी आसान हैं -
तीनों जड़ी-बूटियों को बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें और अच्छी तरह मिला लें।
इसे कांच के जार में रखें।
इस चूर्ण की 2 ग्राम मात्रा को प्रतिदिन दो बार ल्यूक गर्म पानी के साथ लें।
कार्य
त्रिदोष पर त्रिकटु अधिनियम।
1. हमारे शरीर में अधिकांश बीमारियाँ भोजन के खराब पाचन और कम पच अग्नि (पाचन अग्नि) के कारण उत्पन्न होती हैं। यह "अमा" के संचय का कारण बनता है। यहाँ अमा शरीर में विषाक्त पदार्थों को संदर्भित करता है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं की ओर जाता है जैसे कि रुमेटी संधिशोथ, चिड़चिड़ा बाउल सिंड्रोम जैसे कि वास्तव में आयुर्वेद ऑटो इम्यून विकारों के अनुसार एसएलई, एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस आदि इन संचित विषाक्त पदार्थों द्वारा प्राप्त किया जाता है। पायरिया पित्त बढ़ने से काम करता है। इस प्रकार पाचन अग्नि को बढ़ाता है और भोजन के पाचन में मदद करता है।
कब्ज नहीं।
2. त्रिकटु संतुलन वात दोष। ऐसे कई कारक हैं जो वात दोष को कम करते हैं जिससे शरीर में दर्द होता है क्योंकि दर्द बढ़े हुए वात दोष के मुख्य लक्षणों में से एक है, त्रिकटु इसे संतुलित करता है और दर्द को कम करता है।
3. त्रिकटु में तीक्ष्ण, उषान, रक्षण गुण होते हैं, अत: यह बढ़े हुए कफ दोष को कम करने में मदद करता है। आयुर्वेद कहता है कि शरीर में कहीं भी सूजन बढ़े हुए कफ दोष के कारण होती है।
त्रिकटु लेने से शरीर में सूजन कम होती है।
यह फेफड़ों में बढ़े हुए कफ को भी ठीक करता है। तो सांस की समस्याओं वाले लोगों को दिया जा सकता है।
*दमा
कब्ज आयुर्वेद में अस्थमा के प्राथमिक कारणों में से एक है। त्रिकटु लेने से कब्ज का इलाज करने में मदद मिलती है और जैसा कि हमने कहा कि यह कफ दोष पर काम करता है इसलिए यह दमा के माता-पिता के लिए अच्छा है।
4. लीवर - लीवर एंजाइम का हब है जो पाचन में काम आता है। यह शरीर का सबसे बड़ा आंतरिक अंग है, जो कई जैवरासायनिकों के उत्पादन के लिए आसन है जो चयापचय और पाचन में मदद करते हैं। यह डिटॉक्सीफिकेशन में मदद करता है। त्रिकटु इन एंजाइमों को संतुलित करने में मदद करता है और इस प्रकार यकृत स्वास्थ्य को बनाए रखता है।
दोस्तों मूल रूप से त्रिकटु को सलाह दी जाती है कि आप कीमो उपचार के साथ-साथ जटिलताओं और दुष्प्रभावों से बचने के लिए कि आप कीमो उपचार के बाद प्राप्त कर सकते हैं।
अपने किचन को बनाएं अपनी पहली फार्मेसी, घर पर तैयार करें ये फॉर्मूला। इसके बारे में अधिक जानने के लिए, पॉडकास्ट @spotifyindia पर मेरा podEpisode सुनें
# अयुरवेदिक क्लब ic
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Chemotherapy often leads to decrease in white blood cells also called neutopenia due to which patient has to suffer through various common infections. High grade fever, diarrhoea, vomiting after chemo administration often land the patient into dehydration and iv fluids becomes the requirement of the day. Shadang paniya is an ayurvedic decoction of 6 Ayurvedic herbs as the name says water prepared with 6 herbs has been found very effective in this condition. It's an authentic ayurvedic formulation found in Classical Ayurvedic books. 6 herbs : Mustak, usher,chandan, parpat, nagar(ginger), udeechya How to prepare Take above herbs in equal part in powder form , mix them all and put the powder in a glass jar. Take 1 tsp out of that powder and put in 400ml water. Boil the water till it remains half. It's ready to drink. In case of fever, you can drink after every 2 hours, 30 to 40ml. It will normalize the fever preventing dehydration due to fever,vomiting and diarrhoea.
Knowledgeable, thanks!
ReplyDeleteNice information mam
ReplyDeleteNice and informative
ReplyDeleteOne home remedy for multiple health problems.
ReplyDeleteVery well done... Valuable info
ReplyDeleteThank you for sharing your knowledge Dr. Komal. This is great information. Simple, perfect and easy to understand. 😊 👍
ReplyDeleteNice 👍👍
ReplyDeleteThanks for sharing 👍🏻
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