Dr.komal behl
10-03-21
We define Cancer as an uncontrolled proliferation (division) of cells leading to the formation of tumor .But how these cells manage for nutrition and oxygen for their growth and and division?
If these rapidly dividing cells do not get oxygen and nutrition then their division will get slow down and they will die.
These cancer cells are very smart, they manage to develop a network of blood and lymph vessels around them to get oxygen and nutrients from the blood and give back waste material through lymph vessels.
This process of development of new blood vessels is called Angiogenesis.
Tumor growth and its metastasis( spread) depends on angiogenesis .There are certain angiogenetic factors which stimulate the process of Angiogenesis.
Normally this process includes few steps:
1.Tissue has basement membrane of endothelial cells
2.Basement membrane got injured which causes destruction and hypoxia(oxygen deficiency)
3.This causes angiogenetic factor to migrate at the site to stimulate endothelial to divide and get stable.
The above process of division occurs about every 1000 days. But in case of tumor ,this process occurs frequently. Tumor tissue stimulate angiogenetic factors to develop new blood and lymph vessels network.
There are certain angiogenetic factors such as Vegf( vascular androgynous growth factor),
Tnf ( Tumor necrotic factor),interlukins etc.
How blood vascular system Developed
Endothelial cells form the lining of the blood vessel. Vegf is a powerful agent in cancer tissue. It causes growth in Endothelial cells and thus growth of blood vessels.
Tumors cells produce vegf ,which bind to the receptor on the outer surface of endothelial cells.
This binding activates a type of protein that transmit a signal into the nucleus of endothelial cells.This signal gives message to the genes to make product for new endothelial cell growth.
Now the activated endothelial cells produce proteins (metallic proteinase) which breakdown the barrier between the 2 cells. In this way they make a hollow tube that evolves into a large network of blood vessels.
There are naturally occurring proteins that inhibit the growth of endothelial cells. These are called angiostatin ,endostatin ,interferon platelet factor etc. These factors block the process of Angiogenesis.
Angiostatins are the ray of hope for decreasing the morbidity due to carcinoma.
AYURVEDIC PERSPECTIVE
CURCUMA LONGA
As I have already described in my previous blogs that turmeric has become the center of research for cancer treatment. It act at the cellular level, interacts with cancerous cells and kills only cancer cells sparing the normal cells unlike the chemotherapy which kills normal cells along with cancer cells.
Curcumin present in turmeric interacts with cancerous cells and enhance the cytotoxic activity of chemotherapy and radiotherapy.
It inhibits the action of Metallo proteinase,.Curcumin attacks the most powerful angiogenetic factor that is Vegf which provides vascular network to tumors for its nutrition and growth. There is one enzyme called cd3 present in the blood vessels regulating Angiogenesis. Curcumin blocks its activity inhibiting growth and invasion of tumor.
Curcumin works on all the basic switches of Angiogenesis that is Vegf, Metalloproteinaise and even at genetic level, it inhibits the working of genes that help in Vegf activity.
Now you should realize how deeply at genetic level this bright yellow coloured spice works wonderfully.
Recent studies have shown that we can take curcumin upto 8g on daily basis in 2 diving doses.
We should take turmeric in our daily routine with milk wheather we are diagnosed with cancer or not and spread this awareness in our surroundings also. Start this yellow revolution of turmeric intake from your home itself. Make a habbit of drinking yellow milk at home so that it becomes a trend for the upcoming generations not to accept MILK WIHOUT HALDI.
THANKYOU!!
डॉकोमल बहल
10-03-21
हम कैंसर को ट्यूमर के निर्माण के लिए कोशिकाओं के अनियंत्रित प्रसार (विभाजन) के रूप में परिभाषित करते हैं। लेकिन इन कोशिकाओं को उनके विकास और विभाजन के लिए पोषण और ऑक्सीजन के लिए कैसे प्रबंधित किया जाता है?
यदि इन तेजी से विभाजित होने वाली कोशिकाओं को ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिलता है, तो उनका विभाजन धीमा हो जाएगा और वे मर जाएंगे।
ये कैंसर कोशिकाएं बहुत स्मार्ट हैं, वे रक्त से ऑक्सीजन और पोषक तत्व प्राप्त करने के लिए अपने चारों ओर रक्त और लसीका वाहिकाओं का एक नेटवर्क विकसित करने का प्रबंधन करते हैं और लसीका वाहिकाओं के माध्यम से अपशिष्ट पदार्थ वापस देते हैं।
नई रक्त वाहिकाओं के विकास की इस प्रक्रिया को एंजियोजेनेसिस कहा जाता है।
ट्यूमर की वृद्धि और इसकी मेटास्टेसिस (प्रसार) एंजियोजेनेसिस पर निर्भर करती है। कुछ एंजियोजेनेटिक कारक हैं जो एंजियोजेनेसिस की प्रक्रिया को उत्तेजित करते हैं।
आम तौर पर इस प्रक्रिया में कुछ चरण शामिल होते हैं:
1. ऊतक में एंडोथेलियल कोशिकाओं का तहखाना होता है
2. झिल्ली झिल्ली घायल हो गया जो विनाश और हाइपोक्सिया (ऑक्सीजन की कमी) का कारण बनता है
3. यह एंजियोजेनेटिक कारक का कारण बनता है कि साइट पर माइग्रेन को स्थानांतरित करने और स्थिर होने के लिए पलायन करने के लिए।
विभाजन की उपरोक्त प्रक्रिया हर 1000 दिनों में होती है। लेकिन ट्यूमर के मामले में, यह प्रक्रिया अक्सर होती है। ट्यूमर ऊतक नए रक्त और लसीका वाहिकाओं के नेटवर्क को विकसित करने के लिए एंजियोजेनेटिक कारकों को उत्तेजित करता है।
कुछ निश्चित एंजियोजेनेटिक कारक हैं जैसे कि Vegf (संवहनी androgynous विकास कारक),
Tnf (ट्यूमर नेक्रोटिक कारक), इंटरलुकिन आदि।
रक्त वाहिका तंत्र कैसे विकसित हुआ
एंडोथेलियल कोशिकाएं रक्त वाहिका का अस्तर बनाती हैं। वेज कैंसर के ऊतकों में एक शक्तिशाली एजेंट है। यह एंडोथेलियल कोशिकाओं में वृद्धि का कारण बनता है और इस प्रकार रक्त वाहिकाओं की वृद्धि होती है।
ट्यूमर कोशिकाएं वेज का उत्पादन करती हैं, जो एंडोथेलियल कोशिकाओं की बाहरी सतह पर रिसेप्टर को बांधती हैं।
यह बंधन एक प्रकार के प्रोटीन को सक्रिय करता है जो एंडोथेलियल कोशिकाओं के नाभिक में एक संकेत संचारित करता है। यह संकेत जीन को नए एंडोथेलियल सेल के विकास के लिए उत्पाद बनाने का संदेश देता है।
अब सक्रिय एंडोथेलियल कोशिकाएं प्रोटीन (मेटालिक प्रोटीनएज़) का उत्पादन करती हैं जो 2 कोशिकाओं के बीच की बाधा को तोड़ती हैं। इस तरह वे एक खोखले ट्यूब बनाते हैं जो रक्त वाहिकाओं के एक बड़े नेटवर्क में विकसित होता है।
स्वाभाविक रूप से पाए जाने वाले प्रोटीन होते हैं जो एंडोथेलियल कोशिकाओं के विकास को रोकते हैं। इन्हें एंजियोस्टैटिन, एंडोस्टैटिन, इंटरफेरॉन प्लेटलेट फैक्टर आदि कहा जाता है। ये कारक एंजियोजेनेसिस की प्रक्रिया को रोकते हैं।
कार्सिनोमा के कारण रुग्णता कम होने के लिए एंजियोस्टेटिन आशा की किरण हैं।
आयुध निर्माणी
CURCUMA LONGA
जैसा कि मैंने अपने पिछले ब्लॉगों में पहले ही बताया है कि हल्दी कैंसर के इलाज के लिए अनुसंधान का केंद्र बन गई है। यह कोशिकीय स्तर पर कार्य करता है, कैंसर कोशिकाओं के साथ बातचीत करता है और केवल कैंसर कोशिकाओं को मारता है जो किमोथेरेपी के विपरीत सामान्य कोशिकाओं को छोड़ती है जो कैंसर कोशिकाओं के साथ-साथ सामान्य कोशिकाओं को मारती है।
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन कैंसर कोशिकाओं से संपर्क करता है और कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी की साइटोटॉक्सिक गतिविधि को बढ़ाता है।
यह मेटलो प्रोटीनेज़ की कार्रवाई को रोकता है। क्युरक्यूमिन सबसे शक्तिशाली एंजियोजेनेटिक कारक है जो वेगा है जो इसके पोषण और विकास के लिए ट्यूमर को संवहनी नेटवर्क प्रदान करता है। एंजियोजेनेसिस को नियंत्रित करने वाली रक्त वाहिकाओं में मौजूद एक एंजाइम है जिसे सीडी 3 कहा जाता है। कर्क्यूमिन अपनी गतिविधि को अवरुद्ध और ट्यूमर के आक्रमण को रोकता है।
करक्यूमिन एंजियोजेनेसिस के सभी बुनियादी स्विचों पर काम करता है जो कि वेज, मेटालोप्रोटीनाईज और यहां तक कि आनुवंशिक स्तर पर भी, यह उन जीनों के काम को रोकता है जो वेज एक्टिविटी में मदद करते हैं।
अब आपको महसूस करना चाहिए कि आनुवंशिक स्तर पर यह पीले रंग का चमकीला मसाला कितना अद्भुत है।
हाल के अध्ययनों से पता चला है कि हम 2 डाइविंग खुराक में दैनिक आधार पर 8 जी तक करक्यूमिन ले सकते हैं।
हमें अपनी दिनचर्या में हल्दी को दूध के पंखों के साथ लेना चाहिए, हम कैंसर से पीड़ित हैं या नहीं और इस जागरूकता को हमारे आसपास भी फैलाएं। हल्दी के सेवन की इस पीली क्रांति की शुरुआत अपने घर से ही करें। घर पर पीले दूध पीने की एक आदत बनाएं ताकि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए मिल्क वेहट बालि को स्वीकार न करने की प्रवृत्ति बन जाए।
जी शुक्रिया!!
Chemotherapy often leads to decrease in white blood cells also called neutopenia due to which patient has to suffer through various common infections. High grade fever, diarrhoea, vomiting after chemo administration often land the patient into dehydration and iv fluids becomes the requirement of the day. Shadang paniya is an ayurvedic decoction of 6 Ayurvedic herbs as the name says water prepared with 6 herbs has been found very effective in this condition. It's an authentic ayurvedic formulation found in Classical Ayurvedic books. 6 herbs : Mustak, usher,chandan, parpat, nagar(ginger), udeechya How to prepare Take above herbs in equal part in powder form , mix them all and put the powder in a glass jar. Take 1 tsp out of that powder and put in 400ml water. Boil the water till it remains half. It's ready to drink. In case of fever, you can drink after every 2 hours, 30 to 40ml. It will normalize the fever preventing dehydration due to fever,vomiting and diarrhoea.
Thank you so much 😊
ReplyDelete💯💯👍
ReplyDeleteVery useful information, thanks and keep sharing
ReplyDeleteVery useful information.
ReplyDeleteVery good information. Thanks
ReplyDeleteGood for health 👍👍👍👍👍
ReplyDeleteVery very helpful thanx for reminding that our very own haldi is so good for us
ReplyDeleteAmazing, worth reading ☀️ Thanks again for sharing ☀️
ReplyDeleteWonderful, very informative doxab keep going👍
ReplyDeleteThanku for sharing rhis information doxab
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